Thursday 4 September 2014

Good Moral Story by Ishwar Chandra Vidyasagar Stories in Hindi

Good Moral Story by Ishwar Chandra Vidyasagar Stories in Hindi

Good Moral Story by Ishwar Chandra Vidyasagar Stories in Hindi
एक बार की बात है, ईश्वर चन्द्र विद्या सागर कलकत्ता के रेलवे स्टेशन पर थे ।
तभी स्टेशन पर एक ट्रेन आ कर रुकी, उस में से एक नव युवक उतरा । वह देखने में एक Student लग रहा था । गाड़ी से उतरते ही वो कुली को पुकारने लगा – कुली –कुली । जबकि उसके पास इतना ही सामान था कि वो उसे आसानी से अकेले ले कर चल सकता था । फिर भी उसे कुली चाहिए था ।

तभी एक उस लड़के के पास एक सीधा – सादा व्यक्ति आता है । वो उस लड़के से आकर पूछता है की कहाँ जाना है और ये पूछते हुए उस लड़के से सामान ले कर उसे उठा लिया । लड़का एक Student था और वो एक School में Training के लिए जा रहा था इसलिए उसने उस School का पता उस man को बता दिया । वो आदमी उसका सामान ले कर उस School चल दिया जो कि वही पास में था । वो जल्दी ही School पहुँच गये । जब वो आदमी सामान रख कर चल दिया, तो लड़के ने उस आदमी को कुछ Rupees इनाम में देने चाहे ।
तब सामान उठाने वाले आदमी ने कहा –“ मुझे कोई इनाम
नहीं चाहिए । बस अपना काम स्वयं करने की कोशिश करें, यही मेरा इनाम है ।”
इतना कहकर वह आदमी वहां से चला गया ।
अगले दिन जब वह लड़का College पंहुचा, तो प्रार्थना स्थल (Assembly) पर उसने उसी आदमी को देखा,जो Yesterday उसका सामान उठा के College लाया था । वह आदमी उस समय वहां Principal के उच्चासन पर विराजमान था। यह देख वह लड़का बड़ा शर्मिन्दा हुआ ।
Prayer के बाद जब सब Students अपनी –अपनी Class में चले गये तब उसने Principal के चरणों में अपना Sir रख कर माफ़ी माँगी ।
तब उन Principal ने जो की ईश्वर चन्द्र विद्या सागर थे,
उस लड़के से बोले – “ My Son! जो किसी भी कार्य को छोटा नहीं समझते और अपना कार्य स्वयं करते हैं,वो ही जीवन में उन्नति के शिखर पर चल सकते हैं ।” और ये उदाहरण ईश्वर चन्द्र विद्या सागर ने स्वयं उस Student का सामान उठा कर दिया और अपना काम स्वयं करने की प्रेरणा दी ।
इतने साधु व्यवहार के और Sacrifice Benevolence, Justice, Forgiveness जैसे पवित्र गुणों को धारण करने वाले व्यक्ति थे ईश्वर चन्द्र विद्या सागर । ऐसे लोग आज के time पर देखने तक को भी नहीं मिलते जो स्वयं के आचरण से किसी को शिक्षित कर सके ।

Search terms...:

  • Moral stories in hindi
  • moral story in hindi
  • hindi moral stories
  • ishwar chandra vidyasagar
  • hindi stories with moral

No comments:

Post a Comment