HAPPY RAINY DAY
गर्मी की तपिश के बाद बारिश की बूंदे जीवनदायनी होती हैं। मुरझाए हुए पेङ-पौधों में जान आ जाती है। चारो तरफ की हरियाली देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि मानो पेङ-पौधे बारिश का स्वागत कर रहे हों। नाचते हुए मोर, कोयल की बोली तथा पक्षियों का कलरव मौसम के ताल को और भी संगीतमय कर देते हैं। किसान के लिए बारिश ईश्वरीय वरदान की तरह होती है, तो वहीं धरती के सभी सजीव जगत के मन को सावन की बूंदे हरा-भरा कर देती है।
बरखा रानी आई कर सोलह श्रंगार।
मेघों की काली साङी और बिजली की पायल पहने लगती अति सुंदर।
रह-रह कर वह बरसाती ऐसी रसधार कि मगन हो नाच उठे सारा संसार।
भारतीय सिनेमा ने भी बरसात को और भी मनोहारी बना दिया है। बारिश की बूंदो से तरबतर लोग स्वतः ही बरसात के गानो को गुनगुनाने लगते हैं। बच्चों के लिए तो मानो मौज-मस्ती की बरसात हो जाती है, अधिक बारिश से स्कूल की छुट्टी और फिर कागज की नाव बनाकर पानी में तैराना कितना खुशनुमा नजारा होता है, जहाँ न कोई चिन्ता न कोई फिकर बस फुल टू मस्ती।
रिमझिम बारिश के साथ अदरक की चाय और पकोङे का कॉम्बिनेशन तो हर दिल अजीज होता है। कई जगहों पर तो सिर्फ बरसात में बनने वाले झरने लोगों के लिए पिकनिक स्पॉट बन जाते हैं। हर तरफ प्रकृति अपनी रिमझिम फुहार से गमों की तपिश को भी राहत दे देती है और त्योहारों की भी खुशनुमा शुरुवात हो जाती है। सावन में राखी, तीज, कजरी और हर-हर महादेव की गूंज वातावरण को पवित्र उल्लास से तरबतर कर देती है।
ये बारिश की बूंदे एक तरफ तो हरियाली तो दूसरी तरफ प्रेम का संदेश भी देती हैं। किसी को चुङी में तो किसी को पायल में अपने साथी की आवाज सुनाई देने लगती है। धरती पर पङने वाली बूंदो से सोंदी-सोंदी मिट्टी की खुशबु वातावरण को अपने आने का एहसास करा देती है। कहते हैं कुदरत के कणं-कंण में संगीत बसता है, ये बातें बरसात में शत् प्रतिशत सच हो जाती हैं जब बादलों की गरज और बिजली की चमक के साथ पानी की बूंदे नृत्य करती हुई झरनों के माध्यम से प्रकृति को और भी मनोहर बना देती हैं। कवियों की कलम तो बारिश की बूंदो से ऐसी सम्मोहित हो जाती हैं कि कवि की कल्पना को कविताओं में अभिव्यक्त करने को आतुर हो जाती हैं। किसी ने सच कहा है कि, "Rain is not only drops of water, It is the Love of Sky for Earth."
Enjoy the Love of Nature
Happy Rainy Day
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