Sunday, 7 September 2014

NFL, NFLPA making progress, but amnesty for players 'very unlikely'

NFL, NFLPA making progress, but amnesty for players 'very unlikely'

It's rare that in the course of a sensitive, lengthy and potentially historic negotiation you can take a snapshot and get the NFL and the players union to agree on what's going on. But after talking to people involved in these negotiations from both sides, within minutes of one another, there is actually some agreement.
These talks, that are aimed at providing closure to issues like hGH testing, new DUI penalties, new thresholds for marijuana testing and more, will continue and dialogue is expected later this week, but there isn't a glowing sense of optimism these long-lingering issues are close to a resolution.
“We are nowhere near close to closure,” as one NFLPA official put it.
“This idea that we are close to a deal -- it's simply not accurate,” one league official said. “I don't know why people keep writing that.”
In actuality, the sides still have yet to settle many of the core issues that have prevented this deal from getting done for years. On that they agreed.
And sources on both sides of the negotiation also agreed that the idea of “amnesty” for players who are about to begin suspensions, like Wes Welker and Josh Gordon, has always been “very unlikely,” and not something either side is vigorously pursuing. “Right now I don't see us reaching an agreement in the near term with or without player suspensions being lifted,” a league source said.
The league actually feels as if the NFLPA “retreated” on some key measures over the weekend in areas where it believed they had been making progress. NFLPA sources maintain that issues like allowing the NFL to discipline players once arrested for DUI, and not waiting until the case is adjudicated “is a complete non-starter.” Futhermore, the sides have not agreed to what a new marijuana positive-test threshold would be, though it would increase as part of any deal, and the NFLPA is adamant that it would agree to a threshold below that of the US Military, which is roughly three times higher than the current standard.
Browns receiver Josh Gordon was arrested on Saturday morning. (USATSI)
Amensty for players like Josh Gordon is still unlikely (USATSI)
And, the sides have yet to fully agree to all the parameters of how appeals of drug cases not involving an actual positive test – where there is anecdotal evidence a player used an illegal substance, like the baseball “Biogenesis” scandal – as well, one of the principle hold-ups in past negotiations.
If the sides are able to hash out these issues, the NFLPA would still have to put the new policy to a vote, and it would take time for all of the documents to be drawn up, looked over by lawyers and signed off on. So even in the event of a tentative agreement, possible hiccups could emerge.

स्वामी विवेकानन्द द्वारा कही गयीं उक्तियाँ | Great Quotations By Swami Vivekananda

स्वामी विवेकानन्द द्वारा कही गयीं उक्तियाँ | Great Quotations By Swami Vivekananda


स्वामी विवेकानन्द के व्याख्यान | स्वामी विवेकानन्द के वचन | स्वामी विवेकानन्द के सुविचार


§ उठो, जागो और तब तक रुको नही जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाये ।

-स्वामी विवेकानन्द

§ जो सत्य है, उसे साहसपूर्वक निर्भीक होकर लोगों से कहोउससे किसी को कष्ट होता है या नहीं, इस ओर ध्यान मत दो। दुर्बलता को कभी प्रश्रय मत दो। सत्य की ज्योति बुद्धिमानमनुष्यों के लिए यदि अत्यधिक मात्रा में प्रखर प्रतीत होती है, और उन्हें बहा ले जाती है, तो ले जाने दोवे जितना शीघ्र बह जाएँ उतना अच्छा ही है।

-स्वामी विवेकानन्द

§ तुम अपनी अंत:स्थ आत्मा को छोड़ किसी और के सामने सिर मत झुकाओ। जब तक तुम यह अनुभव नहीं करते कि तुम स्वयं देवों के देव हो, तब तक तुम मुक्त नहीं हो सकते।

-स्वामी विवेकानन्द

§ ईश्वर ही ईश्वर की उपलब्थि कर सकता है। सभी जीवंत ईश्वर हैंइस भाव से सब को देखो। मनुष्य का अध्ययन करो, मनुष्य ही जीवन्त काव्य है। जगत में जितने ईसा या बुद्ध हुए हैं, सभी हमारी ज्योति से ज्योतिष्मान हैं। इस ज्योति को छोड़ देने पर ये सब हमारे लिए और अधिक जीवित नहीं रह सकेंगे, मर जाएंगे। तुम अपनी आत्मा के ऊपर स्थिर रहो।

-स्वामी विवेकानन्द

§ ज्ञान स्वयमेव वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है।

-स्वामी विवेकानन्द

§ मानव-देह ही सर्वश्रेष्ठ देह है, एवं मनुष्य ही सर्वोच्च प्राणी है, क्योंकि इस मानव-देह तथा इस जन्म में ही हम इस सापेक्षिक जगत् से संपूर्णतया बाहर हो सकते हैंनिश्चय ही मुक्ति की अवस्था प्राप्त कर सकते हैं, और यह मुक्ति ही हमारा चरम लक्ष्य है।

-स्वामी विवेकानन्द

§ जो मनुष्य इसी जन्म में मुक्ति प्राप्त करना चाहता है, उसे एक ही जन्म में हजारों वर्ष का काम करना पड़ेगा। वह जिस युग में जन्मा है, उससे उसे बहुत आगे जाना पड़ेगा, किन्तु साधारण लोग किसी तरह रेंगते-रेंगते ही आगे बढ़ सकते हैं।

-स्वामी विवेकानन्द

§ जो महापुरुष प्रचार-कार्य के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं, वे उन महापुरुषों की तुलना में अपेक्षाकृत अपूर्ण हैं, जो मौन रहकर पवित्र जीवनयापन करते हैं और श्रेष्ठ विचारों का चिन्तन करते हुए जगत् की सहायता करते हैं। इन सभी महापुरुषों में एक के बाद दूसरे का आविर्भाव होता हैअंत में उनकी शक्ति का चरम फलस्वरूप ऐसा कोई शक्तिसम्पन्न पुरुष आविर्भूत होता है, जो जगत् को शिक्षा प्रदान करता है।

-स्वामी विवेकानन्द

§ आध्यात्मिक दृष्टि से विकसित हो चुकने पर धर्मसंघ में बना रहना अवांछनीय है। उससे बाहर निकलकर स्वाधीनता की मुक्त वायु में जीवन व्यतीत करो।

-स्वामी विवेकानन्द

§ मुक्ति-लाभ के अतिरिक्त और कौन सी उच्चावस्था का लाभ किया जा सकता है? देवदूत कभी कोई बुरे कार्य नहीं करते, इसलिए उन्हें कभी दंड भी प्राप्त नहीं होता, अतएव वे मुक्त भी नहीं हो सकते। सांसारिक धक्का ही हमें जगा देता है, वही इस जगत्स्वप्न को भंग करने में सहायता पहुँचाता है। इस प्रकार के लगातार आघात ही इस संसार से छुटकारा पाने की अर्थात् मुक्ति-लाभ करने की हमारी आकांक्षा को जाग्रत करते हैं।

-स्वामी विवेकानन्द

§ हमारी नैतिक प्रकृति जितनी उन्नत होती है, उतना ही उच्च हमारा प्रत्यक्ष अनुभव होता है, और उतनी ही हमारी इच्छा शक्ति अधिक बलवती होती है।

-स्वामी विवेकानन्द

§ मन का विकास करो और उसका संयम करो, उसके बाद जहाँ इच्छा हो, वहाँ इसका प्रयोग करोउससे अति शीघ्र फल प्राप्ति होगी। यह है यथार्थ आत्मोन्नति का उपाय। एकाग्रता सीखो, और जिस ओर इच्छा हो, उसका प्रयोग करो। ऐसा करने पर तुम्हें कुछ खोना नहीं पड़ेगा। जो समस्त को प्राप्त करता है, वह अंश को भी प्राप्त कर सकता है।

-स्वामी विवेकानन्द

§ पहले स्वयं संपूर्ण मुक्तावस्था प्राप्त कर लो, उसके बाद इच्छा करने पर फिर अपने को सीमाबद्ध कर सकते हो। प्रत्येक कार्य में अपनी समस्त शक्ति का प्रयोग करो।

-स्वामी विवेकानन्द

§ सभी मरेंगे- साधु या असाधु, धनी या दरिद्र- सभी मरेंगे। चिर काल तक किसी का शरीर नहीं रहेगा। अतएव उठो, जागो और संपूर्ण रूप से निष्कपट हो जाओ। भारत में घोर कपट समा गया है। चाहिए चरित्र, चाहिए इस तरह की दृढ़ता और चरित्र का बल, जिससे मनुष्य आजीवन दृढ़व्रत बन सके।

-स्वामी विवेकानन्द

§ संन्यास का अर्थ है, मृत्यु के प्रति प्रेम। सांसारिक लोग जीवन से प्रेम करते हैं, परन्तु संन्यासी के लिए प्रेम करने को मृत्यु है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम आत्महत्या कर लें। आत्महत्या करने वालों को तो कभी मृत्यु प्यारी नहीं होती है। संन्यासी का धर्म है समस्त संसार के हित के लिए निरंतर आत्मत्याग करते हुए धीरे-धीरे मृत्यु को प्राप्त हो जाना।

-स्वामी विवेकानन्द

§ हे सखे, तुम क्योँ रो रहे हो ? सब शक्ति तो तुम्हीं में हैं। हे भगवन्, अपना ऐश्वर्यमय स्वरूप को विकसित करो। ये तीनों लोक तुम्हारे पैरों के नीचे हैं। जड की कोई शक्ति नहीं प्रबल शक्ति आत्मा की हैं। हे विद्वन! डरो मत्; तुम्हारा नाश नहीं हैं, संसार-सागर से पार उतरने का उपाय हैं। जिस पथ के अवलम्बन से यती लोग संसार-सागर के पार उतरे हैं, वही श्रेष्ठ पथ मै तुम्हे दिखाता हूँ! (वि.स. ६/८)

-स्वामी विवेकानन्द

§ बडे-बडे दिग्गज बह जायेंगे। छोटे-मोटे की तो बात ही क्या है! तुम लोग कमर कसकर कार्य में जुट जाओ, हुंकार मात्र से हम दुनिया को पलट देंगे। अभी तो केवल मात्र प्रारम्भ ही है। किसी के साथ विवाद न कर हिल-मिलकर अग्रसर हो -- यह दुनिया भयानक है, किसी पर विश्वास नहीं है। डरने का कोई कारण नहीं है, माँ मेरे साथ हैं -- इस बार ऐसे कार्य होंगे कि तुम चकित हो जाओगे। भय किस बात का? किसका भय? वज्र जैसा हृदय बनाकर कार्य में जुट जाओ।
(विवेकानन्द साहित्य खण्ड-४पन्ना-३१५) (४/३१५)

-स्वामी विवेकानन्द

§ तुमने बहुत बहादुरी की है। शाबाश! हिचकने वाले पीछे रह जायेंगे और तुम कुद कर सबके आगे पहुँच जाओगे। जो अपना उध्दार में लगे हुए हैं, वे न तो अपना उद्धार ही कर सकेंगे और न दूसरों का। ऐसा शोर - गुल मचाओ की उसकी आवाज़ दुनिया के कोने कोने में फैल जाय। कुछ लोग ऐसे हैं, जो कि दूसरों की त्रुटियों को देखने के लिए तैयार बैठे हैं, किन्तु कार्य करने के समय उनका पता नही चलता है। जुट जाओ, अपनी शक्ति के अनुसार आगे बढो।इसके बाद मैं भारत पहुँच कर सारे देश में उत्तेजना फूँक दूंगा। डर किस बात का है? नहीं है, नहीं है, कहने से साँप का विष भी नहीं रहता है। नहीं नहीं कहने से तो 'नहीं' हो जाना पडेगा। खूब शाबाश! छान डालो - सारी दूनिया को छान डालो! अफसोस इस बात का है कि यदि मुझ जैसे दो - चार व्यक्ति भी तुम्हारे साथी होते -

-स्वामी विवेकानन्द

§ तमाम संसा हिल उठता। क्या करूँ धीरे - धीरे अग्रसर होना पड रहा है। तूफ़ान मचा दो तूफ़ान! (वि.स. ४/३८७)

-स्वामी विवेकानन्द

§ जीस प्रकार स्वर्ग में, उसी प्रकार इस नश्वर जगत में भी तुम्हारी इच्छा पूर्ण हो, क्योंकि अनन्त काल के लिए जगत में तुम्हारी ही महिमा घोषित हो रही है एवं सब कुछ तुम्हारा ही राज्य है। (वि.स.१/३८७)

-स्वामी विवेकानन्द


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"एक विचार लें. उस विचार को अपनी जिंदगी बना लें. उसके बारे में सोचिये, उसके सपने देखिये, उस विचार को जिए. आपका मन, आपकी मांसपेशिया, आपके शरीर का हर एक अंग, सभी उस विचार से भरपूर हो. और दुसरे सभी विचारों को छोड़ दे. यही सफ़लता का तरीका हैं। "- स्वामी विवेकानन्द
"Take up one idea. Make that one idea your life – think of it, dream of it, live on that idea. Let the brain, muscles, nerves, every part of your body, be full of that idea, and just leave every other idea alone. This is the way to success." - Swami Vivekananda

वही सबसे तेज चलता है, जो अकेला चलता है।

"हमेशा याद रखिये कि सफलता के लिए किया गया आपका अपना संकल्प किसी भी और संकल्प से ज्यादा महत्त्व रखता है।" - अब्राहम लिंकन
"Always bear in mind that your own resolution to succeed is more important than any other."- Abraham Lincoln


प्रत्येक अच्छा कार्य पहले असम्भव नजर आता है।

"कार्य ही सफलता की बुनियाद है। " - पाब्लो पिकासो
"Action is the foundational key to all success."- Pablo Picasso

ऊद्यम ही सफलता की कुंजी है।

"असफलता से सफलता का सृजन कीजिये. निराशा और असफलता, सफलता के दो निश्चित आधार स्तम्भ हैं।" - डेल कार्नेगी
"Develop success from failures. Discouragement and failure are two of the surest stepping stones to success."-Dale Carnegie

एकाग्रता से ही विजय मिलती है।

"एक सफल व्यक्ति वह है जो औरो द्वारा अपने ऊपर फेंके गए ईंटों से एक मजबूत नीव बना सके।" - डेविड ब्रिंकले
"A successful man is one who can lay a firm foundation with the bricks others have thrown at him."-David Brinkley

कीर्ति वीरोचित कार्यो की सुगन्ध है।

यदि आप सफलता चाहते हैं तो इसे अपना लक्ष्य ना बनाइये, सिर्फ वो करिए जो करना आपको अच्छा लगता है और जिसमे आपको विश्वास है, और खुद-बखुद आपको सफलता मिलेगी। डेविड फ्रोस्ट
Don’t aim for success if you want it; just do what you love and believe in, and it will come naturally.David Frost

भाग्य साहसी का साथ देता है।

मुझे सफलता का मन्त्र नहीं पता, पर सभी को खुश करने का प्रयास करना ही असफलता का मन्त्र है. बिल कासबी
"I don’t know the key to success, but the key to failure is trying to please everybody."-Bill Cosby

सफलता अत्यधिक परिश्रम चाहती है।

"सफल होने के लिए , सफलता की इच्छा ,असफलता के भय से अधिक होनी चाहिए।" बिल कासबी
"In order to succeed, your desire for success should be greater than your fear of failure."- Bill Cosby

विवेक बहादुरी का उत्तम अंश है।

"मैं अपनी जिंदगी में बार-बार असफल हुआ हूँ और इसीलिए मैं सफल होता हूँ."- माइकल जार्डन
"I’ve failed over and over and over again in my life and that is why I succeed."-Michael Jordan

कार्य उद्यम से सिद्ध होते है, मनोरथो से नही।

"असफलता सफलता है , यदि हम उससे सीख लेंतो।" - मैल्कम फ़ोर्ब्स
"Failure is success if we learn from it."- Malcolm Forbes

संकल्प ही मनुष्य का बल है।

"बार बार असफल होने पर भी उत्साह ना खोना ही सफलता है। " - विंस्टन चर्चिल
"Success consists of going from failure to failure without loss of enthusiasm."- Winston Churchill

प्रचंड वायु मे भी पहाड विचलित नही होते।

"अधिकतर महान लोगों ने अपनी सबसे बड़ी सफलता अपनी सबसे बड़ी विफलता के एक कदम आगे हांसिल की है। "- नेपोलियन हिल
"Most great people have attained their greatest success just one step beyond their greatest failure." - Napoleon Hill

कर्म करने मे ही अधिकार है, फल मे नही।

"धैर्य के माध्यम से कई लोग उन परिस्थितियों में भी सफल हो जाते हैं जो कि एक निश्चित असफलता जान पड़ती है।"- बेंजामिन डीज्रैली
"Through perseverance many people win success out of what seemed destined to be certain failure." - Benjamin Disraeli

मेहनत, हिम्मत और लगन से कल्पना साकार होती है।

"यदि हार की कोई सम्भावना ना हो तो जीत का कोई अर्थ नहीं है।" - रोबेर्ट एच . स्कूलर
"If there exists no possibility of failure, then victory is meaningless."- Robert H. Schuller

अपने शक्तियो पर भरोसा करने वाला कभी असफल नही होता।

"दृढ रहने की इच्छाशक्ति अक्सर सफलता और असफलता के बीच का अंतर होती है।" - डेविड सर्नोफ्फ़
The will to persevere is often the difference between failure and success.David Sarnoff
"बोलने से पहले आपको दो बार सोचना चाहिए. क्योंकि आपके शब्द, किसी के मन में सफ़लता या असफ़लता के बीज बों सकते हैं। "-नेपोलियन हिल
"Think twice before you speak, because your words and influence will plant the seed of either success or failure in the mind of another." - Napoleon Hill

"सफल आदमी बनने के बजाय एक महत्वपूर्ण आदमी बनने की सोचिये।" - अल्बर्ट आइंस्टीन
"Try not to become a man of success, but rather try to become a man of value." - Albert Einstein
"साथ आना शुरुआत होती हैं; साथ रहने से प्रगति होती हैं; और साथ कम करने से सफ़लता मिलती हैं."- हेनरी फोर्ड
"Coming together is a beginning; keeping together is progress; working together is success." - Henry Ford
सफल लोग दूसरों की मदद के लिए हमेशा अवसर तलाशते रहता है. और वही असफल लोग कहते है “इससे भला मेरा क्या फायदा?”-ब्रायन ट्रेसी
Successful people are always looking for opportunities to help others. Unsuccessful people are always asking, “What’s in it for me?”– Brian Tracy

पुरे विश्वास के साथ अपने सपनो की तरफ बड़ो. वही जिंदगी जियो जिसकी कल्पना आपने की है.
"Go confidently in the direction of your dreams. Live the life you have imagined."-Henry David Thoreau

"मुश्किलें वो चीज़े होती है. जो हमें तब दिखती है जब हमारा ध्यान लक्ष्य पर नहीं होता." - हेनरी फोर्ड
"Obstacles are those frightful things you see when you take your eyes off the goal." –Henry Ford

"जब तक आप किनारे को छोड़ कर नहीं जायेगे तब तक आप समुद्र पार नहीं कर सकते."
"You can never cross the ocean until you have the courage to lose sight of the shore." –Christopher Columbus

"इंतज़ार करना बंद करो. क्योंकि सही समय कभी नहीं आता। " - नेपोलियन हिल
"Don’t wait. The time will never be just right." –Napoleon Hill

चाणक्य नीति [ हिंदी में ] : सत्रहवां अध्याय | Chanakya Neeti [In Hindi]:Seventeenth Chapter

चाणक्य नीति [ हिंदी में ] : सत्रहवां अध्याय | Chanakya Neeti [In Hindi]:Seventeenth Chapter

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चाणक्य नीति : सत्रहवां अध्याय | Chanakya Neeti In Hindi : Seventeenth Chapter


वह विद्वान जिसने असंख्य किताबो का अध्ययन बिना सदगुरु के आशीर्वाद से कर लिया वह विद्वानों की सभा में एक सच्चे विद्वान के रूप में नहीं चमकता है. उसी प्रकार जिस प्रकार एक नाजायज औलाद को दुनिया में कोई प्रतिष्ठा हासिल नहीं होती.

The scholar who has acquired knowledge by studying innumerable books without the blessings of a bonafide spiritual master does not shine in an assembly of truly learned men just as an illegitimate child is not honoured in society.

हमें दुसरो से जो मदद प्राप्त हुई है उसे हमें लौटना चाहिए. उसी प्रकार यदि किसीने हमसे यदि दुष्टता की है तो हमें भी उससे दुष्टता करनी चाहिए. ऐसा करने में कोई पाप नहीं है.

We should repay the favours of others by acts of kindness; so also should we return evil for evil in which there is no sin, for it is necessary to pay a wicked man in his own coin.

वह चीज जो दूर दिखाई देती है, जो असंभव दिखाई देती है, जो हमारी पहुच से बहार दिखाई देती है, वह भी आसानी से हासिल हो सकती है यदि हम तप करते है. क्यों की तप से ऊपर कुछ नहीं.

That thing which is distant, that thing which appears impossible, and that which is far beyond our reach, can be easily attained through tapasya (religious austerity), for nothing can surpass austerity.

लोभ से बड़ा दुर्गुण क्या हो सकता है. पर निंदा से बड़ा पाप क्या है. जो सत्य में प्रस्थापित है उसे तप करने की क्या जरूरत है. जिसका ह्रदय शुद्ध है उसे तीर्थ यात्रा की क्या जरूरत है. यदि स्वभाव अच्छा है तो और किस गुण की जरूरत है. यदि कीर्ति है तो अलंकार की क्या जरुरत है. यदि व्यवहार ज्ञान है तो दौलत की क्या जरुरत है. और यदि अपमान हुआ है तो मृत्यु से भयंकर नहीं है क्या.

What vice could be worse than covetousness? What is more sinful than slander? For one who is truthful, what need is there for austerity? For one who has a clean heart, what is the need for pilgrimage? If one has a good disposition, what other virtue is needed? If a man has fame, what is the value of other ornamentation? What need is there for wealth for the man of practical knowledge? And if a man is dishonoured, what could there be worse in death?

समुद्र ही सभी रत्नों का भण्डार है. वह शंख का पिता है. देवी लक्ष्मी शंख की बहन है. लेकिन दर दर पर भीख मांगने वाले हाथ में शंख ले कर घूमते है. इससे यह बात सिद्ध होती है की उसी को मिलेगा जिसने पहले दिया है.

Though the sea, which is the reservoir of all jewels, is the father of the conch shell, and the Goddess of fortune Lakshmi is conch's sister, still the conch must go from door to door for alms (in the hands of a beggar). It is true, therefore, that one gains nothing without having given in the past.

जब आदमी में शक्ति नहीं रह जाती वह साधू हो जाता है. जिसके पास दौलत नहीं होती वह ब्रह्मचारी बन जाता है. रुग्ण भगवान् का भक्त हो जाता है. जब औरत बूढी होती है तो पति के प्रति समर्पित हो जाती है.

When a man has no strength left in him he becomes a sadhu, one without wealth acts like a brahmacari, a sick man behaves like a devotee of the Lord, and when a woman grows old she becomes devoted to her husband.

साप के दंश में विष होता है. कीड़े के मुह में विष होता है. बिच्छू के डंख में विष होता है. लेकिन दुष्ट व्यक्ति तो पूर्ण रूप से विष से भरा होता है.

There is poison in the fang of the serpent, in the mouth of the fly and in the sting of a scorpion; but the wicked man is saturated with it.

जो स्त्री अपने पति की सम्मति के बिना व्रत रखती है और उपवास करती है, वह उसकी आयु घटाती है और खुद नरक में जाती है.

The woman who fasts and observes religious vows without the permission of her husband shortens his life, and goes to hell.

स्त्री दान दे कर, उपवास रख कर और पवित्र जल का पान करके पावन नहीं हो सकती. वह पति के चरणों को धोने से और ऐसे जल का पान करने से शुद्ध होती है.

A woman does not become holy by offering by charity, by observing hundreds of fasts, or by sipping sacred water, as by sipping the water used to wash her husbands feet.

एक हाथ की शोभा गहनों से नहीं दान देने से है. चन्दन का लेप लगाने से नहीं जल से नहाने से निर्मलता आती है. एक व्यक्ति भोजन खिलाने से नहीं सम्मान देने से संतुष्ट होता है. मुक्ति खुद को सजाने से नहीं होती, अध्यात्मिक ज्ञान को जगाने से होती है.

The hand is not so well adorned by ornaments as by charitable offerings; one does not become clean by smearing sandalwood paste upon the body as by taking a bath; one does not become so much satisfied by dinner as by having respect shown to him; and salvation is not attained by self-adornment as by cultivation of spiritual knowledge.

टुंडी फल खाने से आदमी की समझ खो जाती है. वच मूल खिलाने से लौट आती है. औरत के कारण आदमी की शक्ति खो जाती है, दूध से वापस आती है.

The eating of tundi fruit deprives a man of his sense, while the vacha root administered revives his reasoning immediately. A woman at once robs a man of his vigour while milk at once restores it.

जिसमे सभी जीवो के प्रति परोपकार की भावना है वह सभी संकटों पर मात करता है और उसे हर कदम पर सभी प्रकार की सम्पन्नता प्राप्त होती है.

He who nurtures benevolence for all creatures within his heart overcomes all difficulties and will be the recipient of all types of riches at every step.

वह इंद्र के राज्य में जाकर क्या सुख भोगेगा....
जिसकी पत्नी प्रेमभाव रखने वाली और सदाचारी है.
जिसके पास में संपत्ति है.
जिसका पुत्र सदाचारी और अच्छे गुण वाला है.
जिसको अपने पुत्र द्वारा पौत्र हुए है.

What is there to be enjoyed in the world of Lord Indra for one whose wife is loving and virtuous, who possesses wealth, who has a well-behaved son endowed with good qualities, and who has a grandchildren born of his children?

मनुष्यों में और निम्न स्तर के प्राणियों में खाना, सोना, घबराना और गमन करना समान है. मनुष्य अन्य प्राणियों से श्रेष्ठ है तो विवेक ज्ञान की बदौलत. इसलिए जिन मनुष्यों में ज्ञान नहीं है वे पशु है.

Men have eating, sleeping, fearing and mating in common with the lower animals. That in which men excel the beasts is discretionary knowledge; hence, indiscreet men who are without knowledge should be regarded as beasts.

यदि मद मस्त हाथी अपने माथे से टपकने वाले रस को पीने वाले भौरों को कान हिलाकर उड़ा देता है, तो भौरों का कुछ नहीं जाता, वे कमल से भरे हुए तालाब की ओर ख़ुशी से चले जाते है. हाथी के माथे का शृंगार कम हो जाता है.

If the bees which seek the liquid oozing from the head of a lust-intoxicated elephant are driven away by the flapping of his ears, then the elephant has lost only the ornament of his head. The bees are quite happy in the lotus filled lake.

ये आठो कभी दुसरो का दुःख नहीं समझ सकते ...
१. राजा २. वेश्या ३. यमराज ४. अग्नि ५. चोर ६. छोटा बच्चा ७. भिखारी और ८. कर वसूल करने वाला.

A king, a prostitute, Lord Yamaraja, fire, a thief, a young boy, and a beggar cannot understand the suffering of others. The eighth of this category is the tax collector.

हे महिला, तुम निचे झुककर क्या देख रही हो? क्या तुम्हारा कुछ जमीन पर गिर गया है?
हे मुर्ख, मेरे तारुण्य का मोती न जाने कहा फिसल गया.

O lady, why are you gazing downward? Has something of yours fallen on the ground? (She replies) O fool, can you not understand the pearl of my youth has slipped away?

हे केतकी पुष्प! तुममे तो कीड़े रहते है. तुमसे ऐसा कोई फल भी नहीं बनता जो खाया जाय. तुम्हारे पत्ते काटो से ढके है. तुम टेढ़े होकर बढ़ते हो. कीचड़ में खिलते हो. कोई तुम्हे आसानी से पा नहीं सकता. लेकिन तुम्हारी अतुलनीय खुशबु के कारण दुसरे पुष्पों की तरह सभी को प्रिय हो. इसीलिए एक ही अच्छाई अनेक बुराइयों पर भारी पड़ती है.

O ketki flower! Serpents live in your midst, you bear no edible fruits, your leaves are covered with thorns, you are crooked in growth, you thrive in mud, and you are not easily accessible. Still for your exceptional fragrance you are as dear as a kinsmen to others. Hence, a single excellence overcomes a multitude of blemishes.

चाणक्य नीति [ हिंदी में ] : सोलहवां अध्याय | Chanakya Neeti [In Hindi]: Sixteenth Chapter

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स्त्री (यहाँ लम्पट स्त्री या पुरुष अभिप्रेत है) का ह्रदय पूर्ण नहीं है वह बटा हुआ है. जब वह एक आदमी से बात करती है तो दुसरे की ओर वासना से देखती है और मन में तीसरे को चाहती है.

The heart of a woman is not united; it is divided. While she is talking with one man, she looks lustfully at another and thinks fondly of a third in her heart.

मुर्ख को लगता है की वह हसीन लड़की उसे प्यार करती है. वह उसका गुलाम बन जाता है और उसके इशारो पर नाचता है.

The fool (mudha) who fancies that a charming young lady loves him, becomes her slave and he dances like a shakuntal bird tied to a string.

ऐसा यहाँ कौन है जिसमे दौलत पाने के बाद मस्ती नहीं आई. क्या कोई बेलगाम आदमी अपने संकटों पर रोक लगा पाया. इस दुनिया में किस आदमी को औरत ने कब्जे में नहीं किया. किस के ऊपर राजा की हरदम मेहेरबानी रही. किसके ऊपर समय के प्रकोप नहीं हुए. किस भिखारी को यहाँ शोहरत मिली. किस आदमी ने दुष्ट के दुर्गुण पाकर सुख को प्राप्त किया.

Who is there who, having become rich, has not become proud? Which licentious (Free) man has put an end to his calamities (A grievous disaster)? Which man in this world has not been overcome by a woman? Who is always loved by the king? Who is there who has not been overcome by the ravages of time? Which beggar has attained glory? Who has become happy by contracting the vices of the wicked?

व्यक्ति को महत्ता उसके गुण प्रदान करते है वह जिन पदों पर काम करता है सिर्फ उससे कुछ नहीं होता. क्या आप एक कौवे को गरुड़ कहेंगे यदि वह एक ऊँची ईमारत के छत पर जाकर बैठता है.

A man attains greatness by his merits, not simply by occupying an exalted seat. Can we call a crow an eagle (garuda) simply because he sits on the top of a tall building.

जो व्यक्ति गुणों से रहित है लेकिन जिसकी लोग सराहना करते है वह दुनिया में काबिल माना जा सकता है. लेकिन जो आदमी खुद की ही डींगे हाकता है वो अपने आप को दुसरे की नजरो में गिराता है भले ही वह स्वर्ग का राजा इंद्र हो.

The man who is praised by others as great is regarded as worthy though he may be really void of all merit. But the man who sings his own praises lowers himself in the estimation of others though he should be Indra (the possessor of all excellences).

यदि एक विवेक संपन्न व्यक्ति अच्छे गुणों का परिचय देता है तो उसके गुणों की आभा को रत्न जैसी मान्यता मिलती है. एक ऐसा रत्न जो प्रज्वलित है और सोने के अलंकर में मढने पर और चमकता है.

If good qualities should characterise a man of discrimination, the brilliance of his qualities will be recognised just as a gem which is essentially bright really shines when fixed in an ornament of gold.

वह व्यक्ति जो सर्व गुण संपन्न है अपने आप को सिद्ध नहीं कर सकता है जबतक उसे समुचित संरक्षण नहीं मिल जाता. उसी प्रकार जैसे एक मणि तब तक नहीं निखरता जब तक उसे आभूषण में सजाया ना जाए.

Even one who by his qualities appears to be all knowing suffers without patronage; the gem, though precious, requires a gold setting.

मुझे वह दौलत नहीं चाहिए जिसके लिए कठोर यातना सहनी पड़े, या सदाचार का त्याग करना पड़े या अपने शत्रु की चापलूसी करनी पड़े.

I do not deserve that wealth which is to be attained by enduring much suffering, or by transgressing the rules of virtue, or by flattering an enemy.

जो अपनी दौलत, पकवान और औरते भोगकर संतुष्ट नहीं हुए ऐसे बहोत लोग पहले मर चुके है. अभी भी मर रहे है और भविष्य में भी मरेंगे.

Those who were not satiated with the enjoyment of wealth, food and women have all passed away; there are others now passing away who have likewise remained unsatiated; and in the future still others will pass away feeling themselves unsatiated.

सभी परोपकार और तप तात्कालिक लाभ देते है. लेकिन सुपात्र को जो दान दिया जाता है और सभी जीवो को जो संरक्षण प्रदान किया जाता है उसका पुण्य कभी नष्ट नहीं होता.

All charities and sacrifices (performed for fruitive gain) bring only temporary results, but gifts made to deserving persons (those who are Krishna consciousness) and protection offered to all creatures shall never perish.

घास का तिनका हल्का है. कपास उससे भी हल्का है. भिखारी तो अनंत गुना हल्का है. फिर हवा का झोका उसे उड़ाके क्यों नहीं ले जाता. क्योकि वह डरता है कही वह भीख न मांग ले.

A blade of grass is light, cotton is lighter, the beggar is infinitely lighter still. Why then does not the wind carry him away? Because it fears that he may ask alms of him.

बेइज्जत होकर जीने से अच्छा है की मर जाए. मरने में एक क्षण का दुःख होता है पर बेइज्जत होकर जीने में हर रोज दुःख उठाना पड़ता है.

It is better to die than to preserve this life by incurring disgrace. The loss of life causes but a moment's grief, but disgrace brings grief every day of one's life.

सभी जीव मीठे वचनों से आनंदित होते है. इसीलिए हम सबसे मीठे वचन कहे. मीठे वचन की कोई कमी नहीं है.

All the creatures are pleased by loving words; and therefore we should address words that are pleasing to all, for there is no lack of sweet words.

इस दुनिया के वृक्ष को दो मीठे फल लगे है. मधुर वचन और सत्संग.

There are two nectarean fruits hanging from the tree of this world: one is the hearing of sweet words (such as Krishna-katha) and the other, the society of saintly men.

पहले के जन्मो की अच्छी आदते जैसे दान, विद्यार्जन और तप इस जनम में भी चलती रहती है. क्योकि सभी जनम एक श्रुंखला से जुड़े है.

The good habits of charity, learning and austerity practised during many past lives continue to be cultivated in this birth by virtue of the link (yoga) of this present life to the previous ones.

जिसका ज्ञान किताबो में सिमट गया है और जिसने अपनी दौलत दुसरो के सुपुर्द कर दी है वह जरुरत आने पर ज्ञान या दौलत कुछ भी इस्तमाल नहीं कर सकता.

One whose knowledge is confined to books and whose wealth is in the possession of others, can use neither his knowledge nor wealth when the need for them arises.

चाणक्य नीति [ हिंदी में ] : पन्द्रहवां अध्याय | Chanakya Neeti [In Hindi]:Fifteenth Chapter

चाणक्य नीति [ हिंदी में ] : पन्द्रहवां अध्याय | Chanakya Neeti [In Hindi]:Fifteenth Chapter

Acharya Chanakya Neeti in Hindi || Kautilya Niti In Hindi
चाणक्य नीति : पन्द्रहवां अध्याय | Chanakya Neeti In Hindi : Fifteenth Chapter



वह व्यक्ति जिसका ह्रदय हर प्राणी मात्र के प्रति करुणा से पिघलता है. उसे जरुरत क्या है किसी ज्ञान की, मुक्ति की, सर के ऊपर जटाजूट रखने की और अपने शारीर पर राख मलने की.

For one whose heart melts with compassion for all creatures; what is the necessity of knowledge, liberation, matted hair on the head, and smearing the body with ashes.

इस दुनिया में वह खजाना नहीं है जो आपको आपके सदगुरु ने ज्ञान का एक अक्षर दिया उसके कर्जे से मुक्त कर सके.

There is no treasure on earth the gift of which will cancel the debt a disciple owes his guru for having taught him even a single letter ( that leads to Krishna consciousness).

काटो से और दुष्ट लोगो से बचने के दो उपाय है. पैर में जुते पहनो और उन्हें इतना शर्मसार करो की वो अपना सर उठा ना सके और आपसे दूर रहे.

There are two ways to get rid of thorns and wicked persons; using footwear in the first case and in the second shaming them so that they cannot raise their faces again thus keeping them at a distance.

जो अस्वच्छ कपडे पहनता है. जिसके दात साफ़ नहीं. जो बहोत खाता है. जो कठोर शब्द बोलता है. जो सूर्योदय के बाद उठता है. उसका कितना भी बड़ा व्यक्तित्व क्यों न हो, वह लक्ष्मी की कृपा से वंचित रह जायेगा.

He who wears unclean garments, has dirty teeth, as a glutton, speaks unkindly and sleeps after sunrise -- although he may be the greatest personality -- will lose the favour of Lakshmi.

जब व्यक्ति दौलत खोता है तो उसके मित्र, पत्नी, नौकर, सम्बन्धी उसे छोड़कर चले जाते है. और जब वह दौलत वापस हासिल करता है तो ये सब लौट आते है. इसीलिए दौलत ही सबसे अच्छा रिश्तेदार है.

He who loses his money is forsaken by his friends, his wife, his servants and his relations; yet when he regains his riches those who have forsaken him come back to him. Hence wealth is certainly the best of relations.

पाप से कमाया हुआ पैसा दस साल रह सकता है. ग्यारवे साल में वह लुप्त हो जाता है, उसकी मुद्दल के साथ.

Sinfully acquired wealth may remain for ten years; in the eleventh year it disappears with even the original stock.

एक महान आदमी जब कोई गलत काम करता है तो उसे कोई कुछ नहीं कहता. एक नीच आदमी जब कोई अच्छा काम भी करता है तो उसका धिक्कार होता है. देखिये अमृत पीना तो अच्छा है लेकिन राहू की मौत अमृत पिने से ही हुई. विष पीना नुकसानदायी है लेकिन भगवान् शंकर ने जब विष प्राशन किया तो विष उनके गले का अलंकार हो गया.

A bad action committed by a great man is not censured (as there is none that can reproach him), and a good action performed by a low-class man comes to be condemned (because none respects him). Just see: the drinking of nectar is excellent, but it became the cause of Rahu's demise; and the drinking of poison is harmful, but when Lord Shiva (who is exalted) drank it, it became an ornament to his neck (nila-kanta).

एक सच्चा भोजन वह है जो ब्राह्मण को देने के बाद शेष है. प्रेम वह सत्य है जो दुसरो को दिया जाता है. खुद से जो प्रेम होता है वह नहीं. वही बुद्धिमत्ता है जो पाप करने से रोकती है. वही दान है जो बिना दिखावे के किया जाता है.

A true meal is that which consists of the remnants left after a brahmana's meal. Love which is shown to others is true love, not that which is cherished for one's own self. to abstain from sin is true wisdom. That is an act of charity which is performed without ostentation.

यदि आदमी को परख नहीं है तो वह अनमोल रत्नों को तो पैर की धुल में पडा हुआ रखता है और घास को सर पर धारण करता है. ऐसा करने से रत्नों का मूल्य कम नहीं होता और घास के तिनको की महत्ता नहीं बढती. जब विवेक बुद्धि वाला आदमी आता है तो हर चीज को उसकी जगह दिखाता है.

For want of discernment the most precious jewels lie in the dust at the feet of men while bits of glass are worn on their heads. But we should not imagine that the gems have sunk in value, and the bits of glass have risen in importance. When a person of critical judgement shall appear, each will be given its right position.

शास्त्रों का ज्ञान अगाध है. वो कलाए अनंत जो हमें सीखनी छाहिये. हमारे पास समय थोडा है. जो सिखने के मौके है उसमे अनेक विघ्न आते है. इसीलिए वही सीखे जो अत्यंत महत्वपूर्ण है. उसी प्रकार जैसे हंस पानी छोड़कर उसमे मिला हुआ दूध पी लेता है.

Sastric knowledge is unlimited, and the arts to be learned are many; the time we have is short, and our opportunities to learn are beset with obstacles. Therefore select for learning that which is most important, just as the swan drinks only the milk in water.

वह आदमी चंडाल है जो एक दूर से अचानक आये हुए थके मांदे अतिथि को आदर सत्कार दिए बिना रात्रि का भोजन खुद खाता है.

He is a chandala who eats his dinner without entertaining the stranger who has come to his house quite accidentally, having travelled from a long distance and is wearied.

एक व्यक्ति को चारो वेद और सभी धर्मं शास्त्रों का ज्ञान है. लेकिन उसे यदि अपने आत्मा की अनुभूति नहीं हुई तो वह उसी चमचे के समान है जिसने अनेक पकवानों को हिलाया लेकिन किसी का स्वाद नहीं चखा.

One may know the four Vedas and the Dharma-sastras, yet if he has no realisation of his own spiritual self, he can be said to be like the ladle which stirs all kinds of foods but knows not the taste of any.

वह लोग धन्य है, ऊँचे उठे हुए है जिन्होंने संसार समुद्र को पार करते हुए एक सच्चे ब्राह्मण की शरण ली. उनकी शरणागति ने नौका का काम किया. वे ऐसे मुसाफिरों की तरह नहीं है जो ऐसे सामान्य जहाज पर सवार है जिसके डूबने का खतरा है.

Those blessed souls are certainly elevated who, while crossing the ocean of life, take shelter of a genuine brahmana, who is likened unto a boat. They are unlike passengers aboard an ordinary ship which runs the risk of sinking.

चन्द्रमा जो अमृत से लबालब है और जो औषधियों की देवता माना जाता है, जो अमृत के समान अमर और दैदीप्यमान है. उसका क्या हश्र होता है जब वह सूर्य के घर जाता है अर्थात दिन में दिखाई देता है. तो क्या एक सामान्य आदमी दुसरे के घर जाकर लघुता को नहीं प्राप्त होगा.

The moon, who is the abode of nectar and the presiding deity of all medicines, although immortal like amrta and resplendent in form, loses the brilliance of his rays when he repairs to the abode of the sun (day time). Therefore will not an ordinary man be made to feel inferior by going to live at the house of another.

यह मधु मक्खी जो कमल की नाजुक पंखडियो में बैठकर उसके मीठे मधु का पान करती थी, वह अब एक सामान्य कुटज के फूल पर अपना ताव मारती है. क्यों की वह ऐसे देश में आ गयी है जहा कमल है ही नहीं, उसे कुटज के पराग ही अच्छे लगते है.

This humble bee, who always resides among the soft petals of the lotus and drinks abundantly its sweet nectar, is now feasting on the flower of the ordinary kutaja. Being in a strange country where the lotuses do not exist, he is considering the pollen of the kutaja to be nice.

हे भगवान् विष्णु, मेरे स्वामी, मै ब्राह्मणों के घर में इस लिए नहीं रहती क्यों की.....
अगस्त्य ऋषि ने गुस्से में समुद्र को ( जो मेरे पिता है) पी लिया.
भृगु मुनि ने आपकी छाती पर लात मारी.
ब्राह्मणों को पढने में बहोत आनंद आता है और वे मेरी जो स्पर्धक है उस सरस्वती की हरदम कृपा चाहते है.
और वे रोज कमल के फूल को जो मेरा निवास है जलाशय से निकलते है और भगवान् शिव की पूजा करते है.

(Lord Visnu asked His spouse Lakshmi why She did not care to live in the house of a brahmana, when She replied) " O Lord a rishi named Agastya drank up My father (the ocean) in anger; Brighu Muni kicked You; brahmanas pride themselves on their learning having sought the favour of My competitor Sarasvati; and lastly they pluck each day the lotus which is My abode, and therewith worship Lord Shiva. Therefore, O Lord, I fear to dwell with a brahmana and that properly.

दुनिया में बाँधने के ऐसे अनेक तरीके है जिससे व्यक्ति को प्रभाव में लाया जा सकता है और नियंत्रित किया जा सकता है. सबसे मजबूत बंधन प्रेम का है. इसका उदाहरण वह मधु मक्खी है जो लकड़ी को छेड़ सकती है लेकिन फूल की पंखुडियो को छेदना पसंद नहीं करती चाहे उसकी जान चली जाए.

There are many ways of binding by which one can be dominated and controlled in this world, but the bond of affection is the strongest. For example, take the case of the humble bee which, although expert at piercing hardened wood, becomes caught in the embrace of its beloved flowers (as the petals close at dusk).

चन्दन कट जाने पर भी अपनी महक नहीं छोड़ते. हाथी बुढा होने पर भी अपनी लीला नहीं छोड़ता. गन्ना निचोड़े जाने पर भी अपनी मिठास नहीं छोड़ता. उसी प्रकार ऊँचे कुल में पैदा हुआ व्यक्ति अपने उन्नत गुणों को नहीं छोड़ता भले ही उसे कितनी भी गरीबी में क्यों ना बसर करना पड़े.

Although sandalwood be cut, it does not forsake its natural quality of fragrance; so also the elephant does not give up sportiveness though he should grow old. The sugarcane does not cease to be sweet though squeezed in a mill; so the man of noble extraction does not lose his lofty qualities, no matter how pinched he is by poverty