मन के हारे हार है, मन के जीते जीत
मन के हारे हार है, मन के जीते जीत है
मनुष्य के जीवन में पल-पल परिस्थितीयाँ बदलती रहती है। जीवन में सफलता-असफलता, हानि-लाभ, जय-पराजय के अवसर मौसम के समान है, कभी कुछ स्थिर नहीं रहता। रात है तो दिन भी है।
‘इंद्रधनुष के बनने के लिये बारिश और धूप दोनों की जरूरत होती है।‘ हमारी ज़िन्दगी भी कुछ ऐसी ही है। उसमें सुख भी है दुःख भी है, अच्छाई भी है बुराई भी है। जहाँ अच्छा वक्त हमें खुशी देता है, वहीं बुरा वक्त हमें मजबूत बनाता है। हम अपनी जिन्दगी की सभी घटनाओं पर नियंत्रण नही रख सकते, पर उनसे निपटने के लिये सकारात्मक सोच के साथ सही तरीका तो अपना ही सकते हैं। कई लोग अपनी पहली असफलता से इतना परेशान हो जाते हैं कि अपने लक्ष्य को ही छोङ देते हैं। कभी-कभी तो अवसाद में चले जाते हैं। मित्रों, अब्राहम लिंकन अपने जीवन में कई बार असफल हुए और अवसाद में भी गए, किन्तु उनके साहस और सहनशीलता के गुण ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ सफलता दिलाई। अनेक चुनाव हारने के बाद 52 वर्ष की उम्र में अमेरिका के राष्ट्रपती चुने गए। ऐसी अनेक हस्तियों ने असफलता के बाद सफलता के स्वाद को चखा।
दोस्तों, हर रात के बाद सुबह होती है। जिन्दगी हँसाती भी है रुलाती भी है,जो हर हाल में आगे बढने की चाह रखते हैं जिन्दगी उसी के आगे सर झुकाती है। हम जो भी कार्य करना चाहते हैं उसकी शुरुवात करें, आने वाली बाधाओं को सोच कर बैठ न जाएं। कई लोग सफल तो होना चाहते हैं किन्तु थोङी सी असफलता से परेशान हो जाते हैं और कहने लगते हैं कि हम तो ये नही कर सकते या ये मुझसे नही हो सकता। भाई, ऐसा कौन सा काम है जो इंसान नही कर सकता। हम ये क्यों नही सोचते कि हम ये काम कर सकते हैं, आज नही तो कल लक्ष्य जरूर हासिल करेंगे।यदि हम बीच में रुक गए तो हमेशा मन में अफसोस रहेगा कि काश कोशिश किये होते। अधूरे छूटे कार्य हमें हमेशा कमजोर होने का एहसास दिलाते हैं। जो लोग ईमानदारी से सोचते हैं वे बाधाओं से उबरने के तरीके तलाशते हैं। वे भले ही असफल हो जाएं पर सफल होने की चाह उनको नए तरीकों से आगे बढने की प्रेरणा देती है।
विझान के क्षेत्र में थॉमस अल्वा एडिसन एक ऐसा नाम है जिन्हें न केवल एक आविष्कारक के रूप में बल्कि एक उद्यमी के रूप में भी जाना जाता है। उनके नाम एक हजार से भी ज्यादा पेटेंट है। प्रकाश बल्ब का आविष्कार करके घर-घर रौशनी पहुँचाने वाले एडिसन कई बार अपने कार्य में असफल हुए। एक बार स्टोरेज बैटरी के आविष्कार में करीब 10,000 बार फेल हुए पर उनका कहना था कि मैं फेल नही हुए बल्कि मैंने 10,000 ऐसे तरीके खोज लिये जो काम नही करते। ऐसी सकरात्मक सोच की वजह से ही अनेक आविष्कारों का सृजन कर सके।
मित्रों, अपना लक्ष्य निर्धारित करो और फिर उसमें जुट जाओ। कहते हैं- लहरों के डर से नौका पार नही होती, कोशिश करने वालों की हार नही होती। इस मूलमंत्र को जीवन में उतार लें तो हर समस्या का समाधान संभव है। मजबूत इच्छा हर उपलब्धि का शुरुवाती बिन्दु होती है। जिस तरह आग की छोटी लपटें अधिक गर्मी नही दे सकती वैसे ही कमज़ोर इच्छा बङे नतीजे नही दे सकती। मेरा संदेश उन सभी युवा वर्ग को है जो कामयाबी का परचम फैलाना चाहते हैं।
“हर दिन अपनी जिन्दगी को एक नया ख्वाब दो, चाहे पूरा ना हो पर आवाज तो दो।
एक दिन पूरे हो जायेंगे सारे ख्वाब आपके, सिर्फ एक शुरुवात तो दो।।“
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