दमा (Asthma)

1) उज्जायी प्राणायाम
2) 20 ग्राम सरसों तैल + 5 ग्राम नमक मिलाकर छाती की मालिश या गर्म पानी
से स्नान
प्रात: का भोजन :-
प्रात: का भोजन :-
1) सरसों, कुलत्थ, अलसी,
मूंग की सब्जियाँ
2) हींग, लहसुन, अदरक का प्रयोग ज्यादा
3) छौंक में लहसुन का प्रयोग करें।
4) भोजन के बाद 1 काला तिल चबाकर खायें।
5) छाछ पियें (शुष्ठी+ काली मिर्च + मेथीदाना) मिलाकर
शाम का भोजन :-
1) रोटी में मेथी दाना मिलाकर खायें।
शाम का भोजन :-
1) रोटी में मेथी दाना मिलाकर खायें।
2) गर्म भोजन खायें।
3) रात में गर्म दूध में
अश्वगंधा चूर्ण मिलाकर पियें।
पथ्य :- चावल, कुलत्थ, जौ, बकरी का दूध, लहसुन, गोमूत्र, गर्म पानी, नींबू, शहद का प्रयोग, भोजन के बाद दिन में 48 मिनट आराम करें।
अपथ्य :- भैंस का दूध, घी, मछली, ठंडा पानी, उड़द, मैदा, भिण्डी, आलू, ठंडी चीजों से बचें।
पथ्य :- चावल, कुलत्थ, जौ, बकरी का दूध, लहसुन, गोमूत्र, गर्म पानी, नींबू, शहद का प्रयोग, भोजन के बाद दिन में 48 मिनट आराम करें।
अपथ्य :- भैंस का दूध, घी, मछली, ठंडा पानी, उड़द, मैदा, भिण्डी, आलू, ठंडी चीजों से बचें।
रोग मुक्ति के लिये
आवश्यक नियम :
पानी के सामान्य
नियम :
१) सुबह बिना मंजन/कुल्ला
किये दो गिलास गुनगुना पानी पिएं ।
२) पानी हमेशा बैठकर
घूँट-घूँट कर के पियें ।
३) भोजन करते समय
एक घूँट से अधिक पानी कदापि ना पियें, भोजन समाप्त होने के डेढ़ घण्टे बाद पानी अवश्य
पियें ।
४) पानी हमेशा गुनगुना
या सादा ही पियें (ठंडा पानी का प्रयोग कभी भी ना करें।
भोजन के सामान्य
नियम :
१) सूर्योदय के दो
घंटे के अंदर सुबह का भोजन और सूर्यास्त के एक घंटे पहले का भोजन अवश्य कर लें ।
२) यदि दोपहर को
भूख लगे तो १२ से २ बीच में अल्पाहार कर लें, उदाहरण - मूंग की खिचड़ी, सलाद, फल और
छांछ ।
३) सुबह दही व फल
दोपहर को छांछ और सूर्यास्त के पश्चात दूध हितकर है ।
४) भोजन अच्छी तरह
चबाकर खाएं और दिन में ३ बार से अधिक ना खाएं ।
अन्य आवश्यक नियम
:
१) मिट्टी के बर्तन/हांडी
मे बनाया भोजन स्वस्थ्य के लिये सर्वश्रेष्ठ है ।
२) किसी भी प्रकार
का रिफाइंड तेल और सोयाबीन, कपास, सूर्यमुखी, पाम, राईस ब्रॉन और वनस्पति घी का प्रयोग
विषतुल्य है । उसके स्थान पर मूंगफली, तिल, सरसो व नारियल के घानी वाले तेल का ही प्रयोग
करें ।
३) चीनी/शक्कर का
प्रयोग ना करें, उसके स्थान पर गुड़ या धागे वाली मिश्री (खड़ी शक्कर) का प्रयोग करें
।
४) आयोडीन युक्त
नमक से नपुंसकता होती है इसलिए उसके स्थान पर सेंधा नमक या ढेले वाले नमक प्रयोग करें
।
५) मैदे का प्रयोग
शरीर के लिये हानिकारक है इसलिए इसका प्रयोग ना करें ।
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