Wednesday 27 August 2014

निम्न रक्तचाप(low blood pressure) desi treatment free

निम्न रक्तचाप(low blood pressure)
राजीव भाईप्राणायाम :-  

1) भ्रामरी, 
2) शशकासन, 
3)  ॐ उच्चारण , 
4) लम्बी श्वास प्राणायाम (उज्जायी) 
5) सूर्य नमस्कार !

प्रात: का भोजन :-
 
1) भीगा चना, टमाटर, ककड़ी सेंधा नमक के साथ 

2) नर्इ मूली + सेंधा नमक मिलाकर खाना 
3) परवल , मूंग, कुलत्थ की भाजी 
4) पुराने चावल का प्रयोग 


शाम का भोजन :-  मूंग + चावल की खिचड़ी (सेंधा नमक) डालकर !
 

पथ्य :-  पुराना चावल, गेहूँ, आम, अनार, सेंधा नमक, केला, प्रात: काल नंगे पैर 
घाँस पर घूमना । 

अपथ्य :-  ज्यादा तनाव, वेग धारण, मैदे वाले सभी पदार्थ।
 

रोग मुक्ति के लिये आवश्यक नियम  : 

पानी के सामान्य नियम : 

१) सुबह बिना मंजन/कुल्ला किये दो गिलास गुनगुना पानी पिएं । 
२) पानी हमेशा बैठकर घूँट-घूँट कर के पियें । 
३) भोजन करते समय एक घूँट से अधिक पानी कदापि ना पियें, भोजन समाप्त होने के डेढ़ घण्टे बाद पानी अवश्य पियें । 
४) पानी हमेशा गुनगुना या सादा ही पियें (ठंडा पानी का प्रयोग कभी भी ना करें। 


भोजन के सामान्य नियम : 

१) सूर्योदय के दो घंटे के अंदर सुबह का भोजन और सूर्यास्त के एक घंटे पहले का भोजन अवश्य कर लें । 
२) यदि दोपहर को भूख लगे तो १२ से २ बीच में अल्पाहार कर लें, उदाहरण - मूंग की खिचड़ी, सलाद, फल और छांछ । 
३) सुबह दही व फल दोपहर को छांछ और सूर्यास्त के पश्चात दूध हितकर है । 
४) भोजन अच्छी तरह चबाकर खाएं और दिन में ३ बार से अधिक ना खाएं । 


अन्य आवश्यक नियम : 

१) मिट्टी के बर्तन/हांडी मे बनाया भोजन स्वस्थ्य के लिये सर्वश्रेष्ठ है । 
२) किसी भी प्रकार का रिफाइंड तेल और सोयाबीन, कपास, सूर्यमुखी, पाम, राईस ब्रॉन और वनस्पति घी का प्रयोग विषतुल्य है । उसके स्थान पर मूंगफली, तिल, सरसो व नारियल के घानी वाले तेल का ही प्रयोग करें ।  
३) चीनी/शक्कर का प्रयोग ना करें, उसके स्थान पर गुड़ या धागे वाली मिश्री (खड़ी शक्कर) का प्रयोग करें । 
४) आयोडीन युक्त नमक से नपुंसकता होती है इसलिए उसके स्थान पर सेंधा नमक या ढेले वाले नमक प्रयोग करें । 

५) मैदे का प्रयोग शरीर के लिये हानिकारक है इसलिए इसका प्रयोग ना करें । 

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